The Greatest Guide To Shodashi

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चत्वारिंशत्त्रिकोणे चतुरधिकसमे चक्रराजे लसन्तीं

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥३॥

॥ इति श्रीत्रिपुरसुन्दरीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

Saadi mantras are more available, useful for general worship also to invoke the existence on the deity in daily life.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥४॥

The Mahavidya Shodashi Mantra can also be a powerful Device for people looking for harmony in private associations, Resourceful inspiration, and steerage in spiritual pursuits. Normal chanting fosters emotional healing, enhances intuition, and assists devotees entry bigger knowledge.

हस्ताग्रैः शङ्खचक्राद्यखिलजनपरित्राणदक्षायुधानां

षट्पुण्डरीकनिलयां षडाननसुतामिमाम् ।

In the pursuit of spiritual enlightenment, the journey begins While using the awakening of spiritual consciousness. This Original awakening is crucial for aspirants who're within the onset in their route, guiding them to acknowledge the divine consciousness that permeates all beings.

सावित्री तत्पदार्था शशियुतमकुटा पञ्चशीर्षा त्रिनेत्रा

अकचादिटतोन्नद्धपयशाक्षरवर्गिणीम् ।

The essence of those activities lies within the unity and shared devotion they inspire, transcending particular person more info worship to create a collective spiritual ambiance.

वन्दे वाग्देवतां ध्यात्वा देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१॥

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

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